कॉलेज के दिन
कॉलेज के दिन
कॉलेज के दिन होते थे,
खूब मस्ती के दिन,
ना किसी की परवाह
ना ही किसी का डर
हर बात को हवा में उड़ाना
पढ़ना कम घूमना ज्यादा
हर लड़का होता राजकुमार
हर लड़की राजकुमारी,
पढ़ाई तो लगती थी
जैसे बड़ी कोई बीमारी,
दिन भर परियों को देखना,
और बस छूता कसी करना,
एग्जाम आते ही डर कर,
चौबीस घंटे पढ़ना,
पेपर अच्छा गया तो
खुद पर नाज़ करना
जो गया बहुत बुरा
तो पेपर बनाने वाले
को खूब गालियां देना,
ये होते थे कॉलेज के दिन।