"गरमागरम पकौड़ी"
"गरमागरम पकौड़ी"
जब सामने हो, यह गरमागरम पकौड़ी
ओर साथ में अति प्रिय मित्रों की जोड़ी
चाहे कितनी हो, पकौड़ी पड़ती है, थोड़ी
पकौड़ी, आगे छोटी, करोड़ों की तिजोरी
बारिश का छप्पन भोग है, यह पकौड़ी
सर्दी की विनाशक, यह है, अचूक गोली
खाये पकौड़ी, सर्दी न लगे भोली-भोली
खा ले, साखी पकौड़ी जिंदगी बड़ी थोड़ी
खाओ पकौड़ी, ख़ुशी आयेगी, दौड़ी-दौड़ी
वो ख़ुशनसीब है, जिन्हें मिलती है, पकौड़ी
रूप भले कहीं बदले, स्वादिष्ट बड़ी, पकौड़ी
कई प्रकार से बनती, मेवाड़ में यह पकौड़ी
आलू, पालक, गोभी आदि की बने, पकौड़ी
साथ में लौंग, कालीमिर्च, हींग बेसन गोली
तेल में तलने से मुँह से निकलती लार डोरी
जब सामने हो जाये, यह गरमागरम पकौड़ी
छोड़े, लड़ाई, झगड़े, खाये-खिलाये पकौड़ी
मिटाये, भेद-भाव, वैमनस्य की यह डोरी
जातिवाद, छुआछूत की तोड़े, कमर चौड़ी
इसके लिये, एक थाली में खाओ पकौड़ी
अस्पर्शयता खत्म करती है, यह पकौड़ी
टूटे रिश्तों जहां, वहां रिश्ते जोड़े पकौड़ी
बड़ी काम की खाद्य-वस्तु है, यह पकौड़ी
मुरझाये चेहरे को खिलाये, यह पकौड़ी
बारिश में गर खाने को मिल जाये, पकौड़ी
फिर हम राजा, बाकी यह दुनिया है, कौड़ी।