बड़े असमंजस में खड़ी थी मैं । लिए हाथ में बगीचे के देसी गुलाब सोच रही थी क्या करूंमैं बड़े असमंजस में खड़ी थी मैं । लिए हाथ में बगीचे के देसी गुलाब सोच रही थी क...
कितनी अनोखी कितनी स्वादिष्ट है चाय! कितनी अनोखी कितनी स्वादिष्ट है चाय!
आम से ग़रीब-अमीर को प्यार, आम की कई किस्में होती यार। आम से ग़रीब-अमीर को प्यार, आम की कई किस्में होती यार।
कभी बाहर खेलने जाते कभी घर में ही तालियां बजाते कभी बाहर खेलने जाते कभी घर में ही तालियां बजाते
सुहाने सफर की तुम हर रोज नई बुनियाद रखो जीवन के खट्टे मीठे हर अनुभव का स्वाद चखो सुहाने सफर की तुम हर रोज नई बुनियाद रखो जीवन के खट्टे मीठे हर अनुभव का स्वाद ...
लाल-लाल जो दिखता है, जमीन के नीचे छिपा रहता है। लाल-लाल जो दिखता है, जमीन के नीचे छिपा रहता है।