बड़े असमंजस में खड़ी थी मैं । लिए हाथ में बगीचे के देसी गुलाब सोच रही थी क्या करूंमैं बड़े असमंजस में खड़ी थी मैं । लिए हाथ में बगीचे के देसी गुलाब सोच रही थी क...
गरजते बादलों ने छेड़ी मानो ढोल नगाड़े और शहनाई, गरजते बादलों ने छेड़ी मानो ढोल नगाड़े और शहनाई,