प्यार की कोशिश
प्यार की कोशिश
सौदा हमारा
कभी बाज़ार तक नहीं पहुंचा..!!
इश्क था जो
कभी इज़हार तक नहीं पहुंचा...!!
यूँ तो गुफ्तगू
बहुत हुई उनसे मेरी...!!
सिलसिला कभी
ये प्यार तक नहीं पहुंचा...!!
जाने कैसे
वाकिफ़ हो गया तमाम शहर...!!
दास्तान-ए-इश्क
वैसे अखबार तक नहीं पहुंचा...!
शर्तें एक दूसरे
की मंजूर थी यूँ तो...!!
पर सौदा
हमारा कभी करार तक नहीं पहुंचा...!!
गहराई दोस्ती की
हम नापते भी कैसे...!!
रिश्ता हमारा
कभी तकरार तक नहीं पहुंचा...