प्यार का इजहार
प्यार का इजहार
1 min
150
इश्क़ है न चाह है तुझे पाने की,
फिर भी करीब रहो ये अच्छा लगता है
ख्वाब है न हकीकत है दरमियाँ अपने
फिर भी तुम्हें सोचना अच्छा लगता है
दूर हो न करीब ही हो मेरे "जाना"
फिर भी तू हम कदम हो अच्छा लगता है
पराया है न अपना ही है तू मेरा
फिर भी तेरा साथ अच्छा लगता है।।