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amit mohan

Comedy Children

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amit mohan

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बचपन की कविताएं

बचपन की कविताएं

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पोशम पार भाई पोशम पार, नेताओं ने क्या किया

सौ करोड़ की दलाली खाई, सौ अरब बाहर जमा कराये

अब तो जेल में आना पड़ेगा, तिहाड़ की रोटी खानी पड़ेगी

तिहाड़ का पानी पीना पड़ेगा, अब तो जेल में आना पड़ेगा

नेता देश का प्राणी है, फितरत उसकी बेईमानी है

बना घोटाले के मर जायेगा, वोट न दो तो डर जाएगा

नेताजी ने स्पेक्ट्रम खाया, स्पेक्ट्रम खाके मुँह पिचकाया

मुँह पिचका कर कदम बढ़ाया, कदम के नीचे कोयला आया

नेताजी गिरे धड़ाम, मुँह से निकला हजम सब राम

लालू कचालू बेटा कहाँ गए थे

लालटेन की रोशनी में सो रहे थे

वोटर ने लात मारी रो रहे थे

लोगों ने वोट दिये हँस रहे थे

नेता सेठ, हजम कर लेट

सीबीआई आई, फट गया पेट

नेता हमारे दूर के, विकास कराये घूस के

आप खाये सोने की थाली में

जनता को दें मिट्टी की प्याली में

आज ईलेक्शन वार है, नेता को बुखार है

नेता गया वोटर के पास, वोटर ने दवाई मशीन

नेता बोला उई, उई, उ ई

झूठ बोलना पाप है, वोटर तुम्हारा बाप है

इलेक्शन के दिन आएगा, तुम्हें हरा के जायेगा

चुनाव वो लड़ी

जीत भी गयी

कोई पद न मिला

वो रोने लगी

पार्टी अध्यक्ष ने कहा

आ जा मेरे पास

वो बोली चल हट बदमाश


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