पैसा ही पैसा
पैसा ही पैसा
बिन पैसे अब कुछ नहीं होता,
बिन पैसे मिलता ना ज्ञान,
पैसे से ही होती है अब तो,
छोटे बड़े की असली पहचान।
इज्जत हुज्जत है बिन पैसे की,
पैसे वालों को इसका है भान,
अब तो पैसे से ही सबको,
मिल जाते है उनके भगवान,
अपना पराया सब पैसा है,
बिन पैसा न कोई मान,
पैसा हो तो आ जाते हैं,
बिन बुलाए भी मेहमान,
गर पैसा ना हो पास,
तो अपना नहीं है कोई खास,
पैसे की ही खनक से होते,
आप के अपने सभी काम।।
मां बाप अब पैसा हो गया,
भगवान भी पैसा है,
रिश्ते नाते बन गया पैसा,
अब रहा न कोई उसके जैसा।।
