STORYMIRROR

Shatakshi Sarswat

Comedy Children

4  

Shatakshi Sarswat

Comedy Children

"चूहे की उछल-कूद"

"चूहे की उछल-कूद"

1 min
23.5K

सरपट-सरपट घूमें जो,

पूँछ हिलाये पूरे घर में।


कभी इधर तो कभी उधर,

उछल-कूद दिखाएँ वो,


छूप-छूप के देखें कोनों से सबको,

फिर तेज़ दौड़ लगाए वो।


कभी डरे तो कभी डराए,

पर हिम्मत हमेशा दिखाएँ वो,


जब कर जाएं वो नुकसान थोड़ा,

तब जाल बिछाय हम,


देके लालच खाने का उसको,

पिंजरें में फँसाए हम।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Comedy