मेरा यार
मेरा यार
सर है फूटबाल सा चेहरा भी गोल है
भैंसे सा पेट और पाड़ा सा बोल है
आलू के टुकड़े सी इसकी ये आँख है
दो बीघे तक फैली मोटी सी नाक है
पीछे है केश लेकिन आगे से टकला है
बातें यु करता है जैसे की हकला है
मोटी कमर ऐसी दस फुट का कमरा है
रूक रूक के चलता है जैसे की लंगड़ा है
मोठे से काले से भद्दे से होठ है
काली सी चमड़ी पे काला सा कोट है
२०० नंबर की ये बंडी पहनता है
हाथी के जैसे ये चड्डी पहनता है
खाली तो लगता है आलू की बोरी है
फुला हुआ कोई पूरी कचौरी है
भारी है इतना पर साइकिल पर चलता है
पूरे बगीचे में अकेला टहलता है
खाने में हरदम बवाली ये करता है
बकरी के जैसे चुगाली ये करता है
सोने को जब ये बिस्तर पे जाता है
घोड़े के जैसे खर्राटे ये भरता है।