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SatyaDev Vijay

Comedy

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SatyaDev Vijay

Comedy

हालात

हालात

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मीलों-मीलों चले थे, तुम जिनके बल बूते।

दो महीने से खबर नहीं ली, पूछ रहे हैं जूते।।


भरी रैक में कहें किताबें, करता नहीं पढ़ाई,

कलमदान में कलम कहे, सूखी मेरी स्याही ।


शर्ट पेंट की रंगत बिगड़ी, बोले सब हरजाई, 

कितना मुझ को लटकाओगे, पूछे नीली टाई।


बरमूड़ा भी नाक सिकोड़े, रोज है मेरी बारी, 

नैना भरकर सोफ़ा रोयें, दुर्गति हुई हमारी ।


टीवी बोले बीबी छोड़ के, मुझसे नैन लड़ायें, 

बिस्तर बोले दबे दबे, हम सांस नहीं ले पायें।


डरी डरी है दुनिया सारी, मौत तुझे ना आये,

तुझ में कीड़े पड़ें कोरोना, तू जल्दी मर जाये ।



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