आखिर होगी जीत हमारी
आखिर होगी जीत हमारी
कालखंड में मुड़कर देखा,
जितने ज्यादा हम बिखरे हैं।
उतने ज्यादा हम संवरे हैं,
उतने ज्यादा हम निखरे हैं।।
पाषाणों के युग भी देखे,
अमिट छाप उन पर भी छोड़ी।
जीवित चित्र उकेरे हमने,
अपने श्रम से चला हथौड़ी।।
सेतु बंधु की कला भी सीखी,
नदियों को भी हमने टोका,
आतातायी जब जब आये,
अपनी तलवारों से रोका।।
मात मिलेगी कोरोना को,
भले विकट है ये महामारी ।
हो सकती है थोड़ी अड़चन,
आखिर होगी जीत हमारी ।।
