झाँकी हिंदुस्तान की
झाँकी हिंदुस्तान की
यह धरती कबीर तुलसी रसखान की
आओ देखे झाँकी हिंदुस्तान की ।
हरी -भरी मनोरम पावन धरती
अन्न की बाली लहर -लहर लहराती है
शीतल बयार सावन की बहती
कृषकों के श्रम के गीत सुनाती है ।
बहती गंगा -यमुना की निर्मल धारा
खड़ा अडिग हिमालय जो प्रहरी राष्ट्र का
दक्षिण में सागर चरण पखारता
देखो सुंदर मनभावन दृश्य भारत का ।
गांधी सुभाष भगत वीर शिवाजी
कितने वीरों ने है जन्म लिया
कितनों ने मातृभूमि की रक्षार्थ
अपने प्राणों का बलिदान दिया ।
राजपूताना का गौरव देखो
यह वीरों की रणभूमि है
अर्जुन का धनुष राणा का भाला देखो
यह भूमि कृष्ण के प्रेम की ।
वेद पुराण गीता का ज्ञान
पाते शिष्य जहाँ गुरु से दीक्षा
पढ़ते बाइबिल और कुरान
जिससे मिलती धर्म की शिक्षा ।
बेटी जहाँ लक्ष्मीबाई सी मर्दानी
वीरों की ही नहीं यह धरती वीरांगनाओं की
जन्मी इस पर पन्नधाय सी त्यागी
यह धरती दुर्गा सीता सावित्री की ।
ईद दिवाली की जगमगाती रोशनी
सौहार्द बिखेरते होली के रंग
खेले जीवन के हर खेल निराले
सब जाति धर्म मिलकर एक संग ।
बोली जाती विविध भाषा और बोली
बिभिन्न वेषभूषा और परिधान
कला संस्कृति से पहचान मिली
सबके सहयोग से भारत बना महान ।
भारत के कण -कण में प्रेम की धार बहे
आओ गाथा गाएँ इस माटी की
चहूँ दिशा में मधुर रसधार बहे
आओ देखे झाँकी हिंदुस्तान की l
