प्रेम और बेवफाइयां
प्रेम और बेवफाइयां
प्रेम
के
भीतर
सिर्फ
समर्पण
हीं
नहीं
होता
है
कुछ
धोखा
जैसी
बेवफाइयां
कुछ
लापरवाहियां
कुछ
अल्हड़पन
कुछ
बईमानियां
भी
होती
है
समर्पण
और
धोखा
दोनों
एक
दुसरे
के
भले
हीं
विपरीत
हो
लेकिन
प्रेम
अपने
में
दोनों
को
समावेश
रखता
है
प्रेम
और
धोखा
एक
दूसरे
के
उलट
है
लेकिन
प्रेम
के
मामले
में
यह
पूरक
भी
है
प्रेम
के
भीतर
दोनों
का
अंश
होता
है।
