STORYMIRROR

V. Aaradhyaa

Inspirational

4  

V. Aaradhyaa

Inspirational

संघर्ष की ओर

संघर्ष की ओर

1 min
10


अपने गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध

उर्ध्व दिशा में ही चला करो।

ताकि तुम्हारे हृदय में सदा

उत्पन्न हो सकें स्वस्थ विचार।


बस अब यही है संघर्ष जो 

तुम्हारे हिस्से का बाकी है।

क्योंकि कई गुरु आकर्षणों ने

तुम्हें इस तरह जकड़ रखा है।


और तुम्हारे ही अपने किसी 

रुग्ण विचारों के प्रवाह से।

धरा मैली होती जा रही है

मन की शांति खोती जा रही है।


समन्दर विषैला हो रहा है और 

अनसुलझे निर्णयों का जाल

जीवन का दम घोंट रहा है।

जीवन और भी मुश्किल हो रहा है !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational