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VanyA V@idehi

Inspirational

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VanyA V@idehi

Inspirational

हल्की गर्मी तेज़ गर्मी

हल्की गर्मी तेज़ गर्मी

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सुबह की हल्की नर्मी

दिन की तेज गर्मी। 

शाम को मिलती ठंडक

और रात में शीतलता। 


जिसके कारण बसुन्धरा 

बिखेर देती है मोती। 

और हमें मिलती है ,

सुबह-सुबह बहुत नर्मी।। 


प्रकृति का यही क्रम

दिन रात चलता है। 

जिसका आनंद भी

हर किसी को मिलता है। 


दुनिया को बनाने वाले ने

किस तरह की रचना की। 

जिसके चलते हुए हमें हर 

मौसम का आनंद मिलता है।। 


आज कल का मौसम

कुछ अलग चल रहा है। 

सभी का गर्मी से बेहाल है

न खाने-पीने का मन होता है। 


 न घर से निकलने का और

 न ही घूमने का दिल करता है। 

 बस हाय गर्मी हाय गर्मी और 

 हाय-हाय गर्मी दिल करता है।। 


कहते है खगोल शास्त्रीगण

पड़ेगी जितनी ज्यादा गर्मी। 

मिलेंगे उतने अच्छे-अच्छे

खाने-पीने को हमें फल। 


 और होगी अच्छी वर्षा तो

 खेतों में पैदावार ज्यादा होगी । 

 और नदी तालाब आदि

 भर जायेंगे फिर जल से।।  


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