वक्त
वक्त
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वक्त सा न कोई अनमोल
वक्त सा न कोई चंचल।
वक्त न किसी का सगा
वक्त न किसी का सखा।
इतिहास हमें यही सिखाता
वक्त की कीमत बतलाता।
वक्त को जो न समझता
बाद में अपना सिर धुनता।
समय का पहिया चलता जाता
आज हमारा कल तुम्हारा बतलाता।
वक्त वक्त की बात है
कभी कोई राजा कभी फ़कीर है।
एक बूँद नाले में गिरती
एक सीप में गिर मोती बनती।
न अहंकार करो
वक्त से सदा डरो।
सबका सम्मान करो
न किसी को तंग करो।
जैसा आज कर्म करोगे
वैसा ही जीवन में फल पाओगे।
