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Chandan Thakur

Comedy Inspirational Children

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Chandan Thakur

Comedy Inspirational Children

होली पर...

होली पर...

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गाँव से भी शहर को हो जाता हैं प्यार, होली पर

मिल जाते हैं कई दिनों के बिछरे यार, होली पर


सबकी जुबां पर होतीं है यही बात "बुरा ना मानो"

दुश्मन को भी गले लगा लेते हैं बे-यार, होली पर


रंगीन फ़िज़ा होतीं हैं, आसमाँ गुलाबी हो जाता है

चारों तरफ उड़ते हैं, गुलालों के फुहार, होली पर


रंग, भांग, अबीर शहर की होली तो बस इतनी हैं

गाँव मे होने लगती है गोबर की बौछार, होली पर


पुआ, पुरी, पकवान से क्या मन भी भरता हैं मर्दे

होतीं हैं नटखट देवर-भौजी का तकरार, होली पर


जब भी चढ़ता हैं फगुआ का रंग हर एक चहरे पर

जोगीरा से मौसम भी हो जाता हैं गुलजार, होली पर।


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