बरसात
बरसात
गरज रहा आकाश, आओ प्यारे
नन्ही नन्ही बूँदों में ,भीगो प्यारे ।
राजा आजा, विमला आजा, आजा राहुल भैया ।
मिलकर सब बनाएँ, कागज की एक नैया।
सरपट माँ की गोद से चुन्नू दौड़ा दौड़ा आये।
भाग -भागकर नैया पकड़े पकड़ खूब इतराये ।
नाव छूटी ,हाथ में आया नन्हा मेंढक।
मुँह खोलकर देख रहा
चुन्नू मेंढक ।
भागा ,चुन्नू उसके पीछे।
ताली बजा-बजाकर ।
राजा हँसता ही-ही विमला नाच-नाचकर ।
छोड़ी नाव कागज की मेढक के पीछे दौड़े।
चुन्नु भैया हाथ नचा -नचा मेढक को फोड़े।
आगे -आगे मेढक भागा पीछे चुन्नु राजा।
मेढक का बजा दिया उसने बैंड बाजा।
शोर सुनकर घर से निकली अपनी ताई कमला।
पकड़ थाम ली उसने अपनी विमला।
देख तमाशा वो हँसे पेट पकड़कर।
हँसते -हँसते आँसू निकले झर-झर।
कीचड़ में सब सने हुए थे, गलियों में करते शोर।
बच्चों संग नाच रहे बहुत सारे मोर।
इंद्र धनुष है निकला ,सूरज करता चमचम।
सारे बच्चे घर चले, करते हुए छमछम।
