रत्न टाटा
रत्न टाटा
जो आया है उसे जाना पड़ेगा,
दिन बाद रात ,रात के बाद सुबह को आना ही पड़ेगा।
भारत माता का तारा थे रत्न
मंद ब्यार से थे वे पावन।
दिया देश को केवल सारा हितकारी
रहे जीवन भर वे परोपकारी।
सामान्य से शानो -शौकत तक हर वस्तु के पारखी
सामान्य जन से अमीरों तक साक्षी।
नमक दिया ,जूता दिया और दिया ताज।
बीड़ी सिगरेट को नहीं बनाया व्यापार।
जो हर दिल के थे सरताज
और नहीं किया किसी से गलत व्यवहार।
थे रत्न जीतेजी और मरण उपरान्त हृदयहार सरताज।
