करवा चौथ
करवा चौथ
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रत साधना मे चहुँ ओर
जीवन कामना में मृगतृष्णा।
फलित प्रेम दैदीप्यमान कर घोर घर्षणा।
चौथ चंद्र उज्ज्वल स्वच्छ धवल ।
प्रीत संग रीत करे प्रिय सफल ।
हंसमुख सन्मुख प्रियतम के कर प्रदक्षिणा।
तिलक नवैध का पूजन करती सुलक्षणा।
वर माँगती दीर्घ आयु और सदैव करती मंगलकामना।
अंतत:पीकर जल पिय के कर से व्रत सम्पन्न करती पूरी अपनी कामना।
शुभ करें करवा माई,
सदैव रखे आशीर्वाद।
घर हो सम्पन्न सदैव सभी का ,
इनका नहीं करें कोई कभी प्रतिवाद।
