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Keyurika gangwar

Inspirational

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Keyurika gangwar

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आशीर्वचन

आशीर्वचन

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रात्रि के अंतिम पहर के बाद ,

भोर की उजली किरण के साथ ।

जन्मदिवस की हार्दिक बधाइयां हो ।

सत्य का हाथ पकड़ के तुम ,

अपना मार्ग प्रशस्त करो ।

अहिंसा का रूप धारण कर ,

स्व कर्म करते चलो ।

रात्रि के अंतिम पहर के बाद ---

अंबर का छोर हो हाथों में,

स्व विश्वास को इतना दृढ़़ करो ।

शैल है उँचा जितना,

स्वाभिमान  को इतना ऊँचा करो।

रात्रि के अंतिम पहर के बाद -----

भार से फल की झुक गई डाली ,

तुम भी इतने विनम्र बनों।

 मधुर झरने की ध्वनि  कहती, मुझ सा सरल बनों ।

रात्रि के अंतिम पहर के बाद --

सुगंध फैली वन -उपवन में,

पुष्प के जैसे खिलना सीखों ।

सुख-दुख सहती धरा सभी ,

भू के जैसे धैर्यवान रहो ।

रात्रि के अंतिम पहर के बाहर ----

 सर्वप्राणी का जीवन देता ,

सूर्य जैसे तेजवान बनो ।

क्षण-क्षण बदले रूप अपना ,

मेघ के जैसे गरिमामयी बनों।

रात्रि के अंतिम पहर के बाद ---

जो तारा है सर्वथा भिन्न,उसके जैसे यशस्वी हो।

 वर्षों तक जन-जन की जिह्वा पर तुम,ऐसी स्वगाथा लिखो ।

अपने प्यारे- प्यारे पुत्र हेतु मेरे आशीर्वचन।


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