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Dr Sanjay Saxena

Comedy Romance

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Dr Sanjay Saxena

Comedy Romance

मेरा अधूरा इश्क...

मेरा अधूरा इश्क...

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एक दिन एक लड़की के इश्क में 

हमने प्यार का पैगाम भिजवाया 

कुछ दिनों के इंतजार के बाद 

फिर उधर से जवाब आया ...


अगर मैं तुम्हारे पास आई तो

तुम मुझे क्या क्या खिलाओगे 

और मन बहलाने के लिए 

कहां कहां घुमाओगे ...


मैंने प्रसन्न हो उसे बताया ...

फिर पूरा प्लान समझाया 


तुम्हें खुर्जा की खुरचन

इगलास की चमचम 

मथुरा का पेड़ा 

आगरा का पेठा 

हापुड़ का पापड़ 

कन्नौज के गट्टा... खिलाऊंगा 

साथ में कन्नौज का 

सुगंधित इत्र भी दिलाऊंगा ...


बाद में जब तुम मान गईं तो 

तुम्हें सुहागिन बना 

सुहाग नगरी फिरोजाबाद

ले जाऊंगा 

तुम्हारे सुहाग के लिए 

हरी चूड़ियां भी दिलाऊंगा ...


जानेमन फिर हम 

हनीमून के लिए 

खुसरो नगरी पटियाली 

और परीक्षित नगरी 

पाढ़म चलेंगे ...

रातों को फिर 

प्यार भरी बातें करेंगे 


लड़की यह सब सुनकर गुस्साई 

फिर ताना दे ...फरमाई ...

शक्ल से तो पक्के गंवार 

लग ही रहे थे 

अब अकल से भी दिख रहे हो 

डॉक्टर के भेष में मुझे तो ...

कोई झोलाछाप लग रहे हो...


ऐसी घटिया प्लानिंग से तो 

कोई मॉडर्न लड़की न पट पाएगी 

हां चाहो तो किसी की अम्मा जरूर 

तुम्हारे साथ ....

हनीमून पर चली जाएगी ....


        



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