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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Comedy

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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Comedy

लड़कियां

लड़कियां

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कोई भी समझ ना पाया इनको 

ये लड़कियां बड़ी अजीब होती हैं 

कभी पापा की परी बन जाती हैं 

तो कभी मम्मा के करीब होती हैं 

कभी भैया की प्यारी बहना बनके

ये दिन भर लाड़ लड़ाती हैं 

कभी छोटी छोटी बातों को लेकर

मुंह फुलाकर चुप बैठ जाती हैं 

जब बीवी बन जाती हैं तो मत पूछो 

सारे घर पर हुकम चलाती हैं 

सैंया जी की छाती पर चढ़कर 

दुनिया भर की दाल गलाती हैं 

दिन भर ताने छींटाकशी कसके 

क्या रौब जमाकर रखतीं हैं 

मिंया जी का हुलिया बदल कर 

"आप कितने बदल गए हो" 

कहकर जले पर नमक छिड़कती हैं 

बच्चे जब हो जाएं तो फिर 

पूरी हिटलर बन जाती हैं 

टीचर से भी ज्यादा उनके 

ख्वाबों में आके डराती हैं 

मैं आज तलक ना जान सका 

ये किस माटी की बनती हैं 

डेन्ट पेन्ट रंग रोगन करके 

दिन भर सजती संवरती हैं 

सही कहा ज्ञानी लोगों ने 

इन्हें ब्रह्मा जी भी समझ ना पाये 

तू तो पूरा माटी का माधो है "हरि" 

फिर कैसे तेरे समझ में आये ? 


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