मेरा भारत देश निराला
मेरा भारत देश निराला
तिल तिल कर वह जला स्वयं पर
उसने जग को दिया उजाला
मानवता के हर पहलू को
रोशन करता वह मतवाला ।
विश्व शांति का पाठ पढ़ाता
लेकिन उसे न समझो ठाला
शीश काटकर अर्पित मां को
उसने दुश्मन का कर डाला ।
सीमा की रखवाली करता
शिव त्रिनेत्र सी बनकर ज्वाला
मां के आंचल में लिपटा है
उसके अरमानों का हाला ।
जीवन की अभिलाषा ना है
मृत्यु को उसने वर डाला
वह जो वीर, शहीद हो गया
भारत मां का पूत निराला ।
शत-शत नमन, उसे अभिनंदन
बनता जो मां का रखवाला
विश्व क्षितिज पर भारत मां को
चाहिए यूं महकाने वाला ।
मेरा भारत देश निराला
बनूंगा मैं इसका रखवाला
मेरा भारत देश निराला।।