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Dr Sanjay Saxena

Others

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Dr Sanjay Saxena

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फ्रेंड शिप डे

फ्रेंड शिप डे

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फ्रेंडशिप डे पर हमने अपनी

हिंदुस्तानी महिला साथी को

जैसे ही गले लगाया

धुक धुक करके उसका दिल

लगा जैसे बाहर आया ।

वह बोली -...

जनाब गले लगाना छोड़

नमस्ते तक ही सीमित रहिए

पर्सनल रिलेशन को

और मजबूत करने की जगह

केवल दोस्ती पर गौर कीजिए ।

हमने कहा - डियर

रिलेशन चाहे पर्सनल हो या फ्रेंडशिप

गौर तो हम आप पर ही करेंगे

और गुड फील तभी होगा

जब दो दिल आपस में मिलेंगे ।

वह बोली साहेब - हम आपका

मंतव्य खूब समझ रहे हैं

लगता है आप रिश्तों को छोड़

>

भावनाओं में बह रहे हैं ।

पर हम भी हिंदुस्तानी लड़की हैं

दोस्ती से ज्यादा इज्जत पर मरती हैं

आप के चंगुल में हम अब न फंसेंगे

आप और आपकी सभ्यता दोनों को

गुड बाय कहेंगे ।

हमने उसे बहुत समझाया ...

पर उसकी समझ में कुछ न आया।

बीबीवह कहने लगी ...

जब आप मान दे नहीं सकते

तो पाओगे कहां से

दोस्ती - दुश्मनी को छोड़

चले जाओ यहां से ।

आपके देश ने तो

यूज एंड थ्रो की पद्धति है चलाई

किन्तु हमारे देश में

विवाह भी संस्कार है कहलाया।।

     



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