अभिलाषा
अभिलाषा
जीवन पथ पर तुम बढ़ती जाना
ओ नन्ही सी राजदुलारी
पहुंच शिखिर पर तिमिर हरो तुम
यह अभिलाष हमारी
जीवन के इस दुर्गम पथ पर
अनथक तुमको चलना होगा
सकल विश्व की मानवता को
यह संदेशा देना होगा
अगर चाहते हो तुम जीवन
तो औरों के हित जीना होगा
तुम्हें चाहिए सुखद भविष्य तो
औरों का दुख पीना होगा
पीकर गरल स्वयं, औरों को
सुधा पान करवाना होगा
घर-घर जाकर विश्व शांति का
अलख तुम्हें जगवाना होगा
अगर कर सकीं ऐसा तुम तो
होगी जय जय कार तुम्हारी
ऐसा गर यदि हो न सका तो
मिट जाएगी दुनिया सारी
फिर कौन करेगा याद तुम्हारी
ओ नन्ही सी राजदुलारी
ओ नन्हीं सी राजदुलारी।