बीबी की बात
बीबी की बात
एक दिन मेरी पत्नी मुझसे बोली...
डॉक्टर साहब .....
तुम मुझे भूलते जा रहे हो
फुलकी मेरी खाते हो ....
गीत पड़ोसन के गा रहे हो...
मैंने कहा ...प्राण प्रिए ....
तुम तो मेरे दिल में बसी हो
उनसे तो बस जान पहचान है
वह तपाक से बोली ...
तुम्हारा भी कोई धर्म ईमान है
तुम जैसों को मैं ..
अच्छे से जानती हूं
क्यों मुझे बुद्धू बनाते हो .....
पहचान बढ़ाकर ही तुम ...
"जान " तक ..पहुंच जाते हो ।