पत्नी
पत्नी
आए दिन सुनता रहता हूँ पति पत्नी का झगड़ा,
न जाने मेरी पत्नी ने अभी तक बेलन क्यों नहीं पकड़ा,
लगती रहती मुझको इस बात की हैरानी,
सुना रहा हुं यह प्यार भरी कहानी।
देर से घर आने पर भी करती है प्यार,
न जाने किस ने भरे हैं इसके मन में संस्कार,
आते कहती वैठो पिया जी
चाय पियोगे या पानी,
सुना रहा हुं यह प्यार भरी कहानी।
देख कर उस का रवैया
आता है मन में प्यार,
मैं भी हर रोज लाता हूँ उसके लिए तोहफे दो चार,
दंग रह जाती देखकर प्यार भरी निशानी,
सुना रहा हुं यह प्यार भरी कहानी।
लाड प्यार से खाना खिलाती,
कभी न गुस्सा उसको आए,
रोज सोने से पहले पुछे दूध पिओगे या चाय,
पत्नी कहुं या वीवी उसको,
सुन लो मेरी जवानी,
सुना रहा हुं यह प्यार भरी कहानी।
झगड़े की नौबत कभी न अब तक आई,
लाड प्यार से जी रहे हैं
जब से हुई सगाई,
हंसते खेलते बर्ष गुजर गए बीस,
,हार कभी न पाई हमने
रही प्यार में जीत,
वीत रही है हरेक रात
बनके प्रेम दिवानी,
सुना रहा हुं यह प्यार भरी कहानी।
पत्नी पति को परमेश्वर समझे,
तुम भी ऐसा बन के दिखाओ,
हंसो खेलो खूब उसी से,
कभी न मन को सताओ,
कहे सुदर्शन बात यह सच्ची सुन लो मेरी जुबानी,
सुना रहा हुं यह प्यार भरी कहानी।