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Pradeep Sahare

Comedy

4  

Pradeep Sahare

Comedy

तेल

तेल

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सुबह सुबह,

मिला रामभाया ।

मुझे देखकर,

कुछ बुदबुदाया ।

मैंने पुछा,

" क्या रामभाया !

ऑल ईज वेल ।"

वो झल्लाया,

बोला,

"साला तुम्हारा,

यही है खेल ।

पेट में मरोड़ हो तो भी,

बोलते ,ऑल ईज वेल ?

यहां ,

हमारा निकल रहा तेल ।"

फिर थोड़ा शांत हुआ,

और बोला,

" अब बताओ,

महंगा क्यों होता है तेल ?"

मैं बोला,

" रामभाया,

सब तरफ हैं ,

तेल का खेल ।

तो कैसे ना होगा,

महंगा तेल ? "

वह बोला कैसे !!

मैं बोला,

" चमचमाती सब्ज

ी खाना ?

लगता है तेल ।

बीबी को हो मनाना ?

तो लगावो तेल ।

घर से बाहर निकलो ?

गाड़ी में डालो तेल ।

प्रमोशन हो पाना?

चपरासी से साहब तक,

सबको लगावों तेल ।

नगसेवक से विधायक,

विधायक से मंत्री होना?

लगावों तेल ।

चूल्हे से लेकर,

संसद तक ।

देश से,

विदेश तक ।

सब तरफ लगता है तेल ।

तो क्यों ना होगा?

महंगा तेल ।

रामभाया समझो !

सब है यहां,

तेल का खेल ।"

बोलो रामभाया,

मेरे साथ,

ऑल इज वेल..

ऑल इज वेल...




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