चोर की देशभक्ति
चोर की देशभक्ति
एक चोर जब पकड़ा गया,
ज़ंजीरों में वो जकड़ा गया!
लोग जब उद्यत हुए पीटने,
चोर लग गया कुछ चीखने!
लोगों ने चीख पे कान दिया,
क्या कहा उसपे ध्यान दिया!
वो था "जय हिन्द" चिल्लाया,
सब को विस्मय बहुत आया!
पूछा,"क्यों ये नारा लगाता है,
आखिर बता क्या चाहता है?"
चोर ने पहले, पोंछा पसीना,
करके यूँ अपना चौड़ा सीना!
"ज़रा खोलो ये मेरी हथकड़ी,
मुझे आ रही देशभक्ति बड़ी!
देश का मैं, सम्मान गाऊँगा,
खड़े होओ राष्ट्रगान गाऊँगा!"
ज़ोर से गाने लगा राष्ट्र-गान,
सारे लोग हो गए सावधान!
बीच में फिर राष्ट्र-गान रोका,
भाग लिया वो पा के मौक़ा!
इसलिए जब कोई भी नेता,
मंच से जय हिन्द है कहता!
चोरी वो अपनी छुपाना चाहे,
पग भागने को उठाना चाहे!
न मानो ये बात जब नेता बोले,
नारा मुक़म्मल जब सेना बोले!
इसीलिए जय हिन्द था, रहेगा,
हर देशवासी ये सगर्व कहेगा!