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Himanshu Sharma

Inspirational

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Himanshu Sharma

Inspirational

छोड़ा मैंने घर

छोड़ा मैंने घर

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चंद पैसे यहाँ कमाने को छोड़ा मैंने घर,

किस्मत ये आजमाने को छोड़ा मैंने घर!


जल रहा है घर पर मुफ़लिसी का चराग़,

उस दिए को बुझाने को, छोड़ा मैंने घर!


सुना है एवान महकते हैं अमीरों के बड़े,

अपना घर, महकाने को, छोड़ा मैंने घर!


नाच नचाती हैं तवे पे, सिकतीं ये रोटियाँ,

ऐसा इक नाच दिखाने को छोड़ा मैंने घर!


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