वहीँ थम गई
वहीँ थम गई
मंज़िल जो मिल गई तो राह वहीँ थम गई,
तू जो मिली मुझको तो चाह वहीँ थम गई !
यहाँ अफ़वाह थी, तेरा मुझको चाहने की,
तेरे इज़हार से तो, अफवाह वहीँ थम गई !
जब मालूम पड़ा कि कल तुझसे जुदाई है,
मैंने जो दी सदा, रात स्याह वहीँ थम गई !
रोक लूँ तुझको न जाने दूँ कहीं भी "क़ैस",
मैंने ये सोचा कि तू लिल्लाह वहीँ थम गई !
शब्दार्थ: लिल्लाह : ईश्वर के नाम पर