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Himanshu Sharma

Comedy

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Himanshu Sharma

Comedy

थाने पहुंचे कप्तान साहब

थाने पहुंचे कप्तान साहब

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थाने पहुंचे कप्तान साहब, दी दरोगा को बंदूक,

दे दरोगा को बंदूक बोले, साधो निशाना अचूक!


हाथ बंदूक मगर उनसे, कारतूस न डाला जाए,

बंदूक का भार तक दरोगा से, न सम्भाला जाए!


कहाँ से डाले कारतूस, था न दरोगा को ये ज्ञान,

समक्ष सा'ब के दरोगा ने किया प्रदर्शित अज्ञान!


नाल के सामने से देखिये कारतूस भरा बंदूक में,

समझ न पाए दरोगा कि कहाँ हुई उनसे चूक है!


कप्तान ने ये दृश्य देख-कर, माथा लिया था धुन,

थी चिड़िया सामने पर, मिला न द्रोण को अर्जुन!


जाकर कप्तान साहब ने, लिया डिसीजन अर्जेन्ट,

लिखा सरकार को कि बंदूकों को दो रिटायरमेंट!


दो बंदूकों को रिटायरमेंट, हाथों को रिश्वत सुहाए,

इक भी दरोगा से यहाँ गन में, गोली न डाली जाए!


तब से हुई बंदूकें रिटायर, दरोगा न बंदूक चलाएं,

हर एनकाउंटर में देखो मुँह से ही बोलें धाँय-धाँय!


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