मानव: कविता
मानव: कविता
कविता मानव के सहज।
विश्वास का आधार है।।
जो एक दूसरे के साथ है।
बात सिंगार की हो या वीर की हो।।
सब का संबंध हम से ।
और आपसे है।।
कविता निर्मल जलधार होते हैं।
जो लेखक और पाठक के बीज
पारदर्शी शीशे की तरह काम करता है।।
लेखक जिस रचना को करता है।
उस उद्देश्य को पाठक तक पहुंचाता है।।
कविता हमारे और आपके मन के।
भाव का सहज उद्गार होती है।।
