झुका दूँगा अब सबको चाहे आए क़यामत। झुका दूँगा अब सबको चाहे आए क़यामत।
एक दूसरे से मन के भीतर की दबी हुई बात। एक दूसरे से मन के भीतर की दबी हुई बात।
हिन्द के हम वीर हैं ,सब संकटों में धीर हैं, मौत का हमें न डर , सच की छोड़ें न डगर, हिन्द के हम वीर हैं ,सब संकटों में धीर हैं, मौत का हमें न डर , सच की छोड़ें न...
आंखों को पढ़ेंगे, पर उनके साथ ही इबादत करेगे। आंखों को पढ़ेंगे, पर उनके साथ ही इबादत करेगे।
तब न जीने का अर्थ रहता है, न जीवन सार्थक होता हैI तब न जीने का अर्थ रहता है, न जीवन सार्थक होता हैI
उस वक्त ही आप हमसे बहुत दूर चले गए। उस वक्त ही आप हमसे बहुत दूर चले गए।