Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

vinod mohabe

Comedy

4  

vinod mohabe

Comedy

मजनू की होली

मजनू की होली

1 min
411


फागुन की शाम मजनू निकला

लैला की तलाश में

पूछे हर किसी से

गांव के गली गली में


पायल खनकाती

मटकती चाल में

दिखी लैला बड़ी कमाल

पीछे से काले सूट में


लाल गुलाल गुलमोहर करने

पीछे से किया हमला 

सारे चौराहे पर देख रहे दंग

कमला, संगला और मंगला


गोरे गोरे बदन पर भर प्रीत का जादू

बिन भंग पिए मदहोश में झूमें 

फिर देख रंगीली तस्वीर उसकी

मजनू के चेहरे के रंग उड़े


वो निकली वर्मा जी की वाइफ

जिसकी बनी थीं कुछ दिन पहले लाइफ


देखकर वर्माजी दौड़े दौड़े आये

और मजनू के गाल पर दो थप्पड़ लगाई

मजनू जी की मन गयी होली

इस बार मजनू की गाल की हो गई सफ़ाई।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Comedy