ऐ बाबा जुमदेवजी तेरे सेवक हम..
ऐ बाबा जुमदेवजी तेरे सेवक हम..


प्रार्थना - ऐ बाबा जुमदेवजी तेरे सेवक हम..
तर्ज़ - ऐ मालिक तेरे बंदे हम...
ऐ बाबा जुमदेवजी तेरे सेवक हम,
सबका हो "परमात्मा एक" मानव धरम
सत्य पथ पर चले और मर्यादा से रहे,
ताकि हंसते हुए मिटे सारे गम
ऐ बाबा जुमदेवजी......।।1।।
ये दुःख से परेशान हो रहा,
तेरा सेवक देख घबरा रहा
हो रहा हैं कमज़ोर, कुछ ना आता नज़र
सुख की डोर खोएं जा रहा
हैं तेरे चार तत्व, तीन शब्द, पांच नियम
तू तन - मन को लगा दे मलम
ऐ बाबा जुमदेवजी......।।2।।
पथ से भटक गया हैं आदमी,
रह गई इसमें लाखों कमी
पर तू हैं खड़
ा, मैं तेरे दर पे पड़ा
बन जा तू मेरे दुःख का साथी
सिखाया तुने हमें "परमात्मा एक" मानव धरम
ताकि हंसते हुए मिटे सारे गम
ऐ बाबा जुमदेवजी.....।।3।।
जब दु:खों का हो सामना
तब दुःख में बाबा तू ही हमें थामना
सेवक ना डरे, तू हमें हौंसला भरें
बिगड़े सारे सबके काम संवारना
ऐसा पिला देना प्रेम का जाम
और मिटा देना सबका भरम
ऐ बाबा जुमदेवजी.....।।4।।
ऐ बाबा जुमदेवजी तेरे सेवक हम,
सबका हो "परमात्मा एक" मानव धरम
सत्य पथ पर चले और मर्यादा से रहे,
ताकि हंसते हुए मिटे सारे गम
ऐ बाबा जुमदेवजी......।।5।।