“माँ ”
“माँ ”
माँ खुदा हैं, पंछी की छाया हैं, पेड़ो की डाली हैं माँ
जिन्दगी का कडवाहट दूर करने अमृत का प्याला हैं माँ
माँ रोशनी हैंं, बंजर धरा पर बारिश का बौछार हैं माँ
पृथ्वी हैंं जगत की धुरा हैंं, सृष्टी की कल्पना हैंं माँ
माँ दया का सागर हैंं, अमृत की गागर हैंं, ममता करुना हैं माँ
ईश्वर का सबसे प्यारा और सुंदर खुदा का अवतार हैंं माँ
माँ बचपन का प्यार हैंं, आधार हैं, जिंदगी का सार हैंं माँ
जिन्दगी का निर्मल स्वर हैंं, दुखों पर सहस्त्र ढाल हैंं माँ
माँ एहसास हैंं, भावना हैंं, संवेदना हैंं माँ
दुखी जीवन में सुख का आधार हैंं माँ
माँ गुलाब हैंं, खुशबु हैंं, जन्नत का फुल हैंं माँ
पौदों का आधार हैंं, फलों और फूलों ये ही मंजर पढ़ाती हैं माँ
माँ दुर्गा हैंं, चंडी हैंं, सरस्वती हैंं माँ
रब की परछाई हैंं, मेरे कविता का सार हैंं माँ।
