लड़की की चप्पल
लड़की की चप्पल
बस में एक लड़की
बैठी थी मेरे पास
नहीं थी वो मेरी खास
पहने थी प्यारा कोट
लगा रही थी वो
मेरे दिल पर चोट..
मुझे देख यूं मुस्कुराई
मुझे लगा जैसे उसने
अपने दिल में मेरे लिए
प्रेम अगन जलाई..
मैने सोचा ...
जब अगन में वो जलेगी
तब बात कुछ आगे बढ़ेगी
फिर वह अपने होंठ मेरे
चेहरे के पास लाई
मेरी नियत भी
कुछ डगमगाई...
वह बोली...
सर मेरी खिड़की को
बंद कर दीजिए..
मुझे ठंड से मुक्ति
दे दीजिए..
मेरा दिल धुकधुकाया
फिर मैंने अपना हाथ बढ़ाया
उसके दिल के पास जाकर
हाथ
कुछ रुका...
तभी बाजू वाली सीट पर बैठा
पड़ोसी मेरे ऊपर झुका....
बोला.. आप कहें तो
हम भी साथ आए
या फिर हम अकेले ही
खिड़की बंद करने में
हाथ आजमाएं...
उसकी बात सुन...
लड़की लगा ख्वाब से जागी
अपनी सीट छोड़कर भागी...
बोली.. खिड़की बंद करने का
फैसला आप कर लीजिए
मुझे बाहर जाने का
रास्ता दे दीजिए...
आप जैसे लफंगे अपना
मुंह तो बंद कर नहीं पाए
तो खिड़की क्या बंद कर पाएंगे
किसी दिन किसी लड़की से
चप्पल जरूर खाएंगे...