हाय रे लॉक डाउन तेरे जलवे
हाय रे लॉक डाउन तेरे जलवे
हाय रे लॉक डाउन तेरे जलवे हैं निराले
दिल कुढ़ कुढ़कर हुए कोयले से काले
आटा चावल की फिक्र ना थी आज से पहले
ले आओ जल्दी दुकानों में ना डल जाएँ ताले
सास के अच्छे दिन आ गये बनी महारानी
तितली सी उड़ती थी बहू बनी वो नौकरानी
अपनी व्यस्तता का बजाते थे जो पहले ढोल
कितनी फिक्र है आपकी खुली उनकी पोल
गृहिणियों ने लॉकडाउन परीक्षा में प्रथम स्थान पाया
हर क्षेत्र का काम बड़ी सकारात्मकता से निपटाया
फल सब्जियां बहुत खुश हैं नमक में धुल धुलकर
डिशवाॅश भी जंग लड़ रहा है पानी में घुल घुलकर
चाय की दुकानों की रौनक किचन में आ बसी
बार बार चाय बनाकर देने की ड्यूटी और बढ़ी
घर में हैं पति पत्नी की बेवजह लड़ाइयों के शोर
कार्टून देख देख टीवी से बच्चे भी हो गये हैं बोर
बढ़ते वजन ने भी पंगे डाल दिए ज़िंदगी में आकर
कहाँ चलें कहाँ कूदें कहाँ छलांग लगा लें जाकर
खाली समय का बस सोते में ही सपना आता है
फेशियल के लिये पार्लर भी वहीं खुल जाता है
सबके हौसलों की क्या बात है माशाल्लाह
बहारें ज़रूर आयेंगी एक दिन इंशाअल्लाह