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NOOR E ISHAL

Romance

4  

NOOR E ISHAL

Romance

कोई ग़म नहीं

कोई ग़म नहीं

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क़ैद करके दिल में एक दर्द गहरा

बिठाया उसपे खामोशी का पहरा

                मुस्कुराहट सबका ध्यान हटाती है

                और शोखी सब ठीक है बताती है

चीखता हुआ दर्द यूँ छुपाया जाता है

अपना ना हो वो ऐसे भुलाया जाता है

            दरवाज़े चुप रहेंगे बस आहट रह जाएगी

            दर्द के फैले सायों में तन्हाई रह जाएगी

सूखे पत्ते से बिखरे शोखियाँ रह जाएगी

आईने खो जाएँगे हैरानियाँ रह जाएगी

             ये कोई बेबसी नहीं है बस एक ज़िद है

             तेरी चाहत की तय की एक सरहद है

माँगेगे नहीं कभी भीख में चाहत तेरी

दर्द सहने की हुई अब तो आदत मेरी

            मुस्कुराता हुआ चेहरा और खामोशियाँ

             दिल में क़ैद हसीं यादों की सरगोशियांँ

आँखों की नमी और बरसों का इन्तेज़ार

देख ना दीवाने हुए ना तेरे लिये बेकरार

              फक़त इल्ज़ाम और हैं बदगुमानियाँ

              तुझसे तोहफ़े में मिली हैं रुसवाईयाँ

ना हो जो उसकी सुनवायी कोई ग़म नहीं

अधूरेपन की फ़ेहरिस्त में अकेले हम नहीं 

             माना तेरी चाहत की कमी रह जाएगी

            शोले बुझ जाएँगे आग दबी रह जाएगी

वक़्त ठहर सा जाएगा रात आधी रह जाएगी

तेरे इक़रार की राह में उम्र सारी बह जाएगी 

             दिल के सच्चे एहसास ना जगें तब तक

             दिल की लगी दिल पे ना लगे जब तक 

सौंप दी है मोहब्बत की अर्जी रब को

यकीन है देता है मुँह माँगी वो सबको।



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