मीठी यादें
मीठी यादें
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हैं तेरी मेरी कुछ मीठी सी यादें
हाँ वो बेमतलब फिजूल सी बातें
कहीं शिकवे थे कहीं गुस्सा था
खट्टा मीठा रिश्ता बड़ा अच्छा था
वक़्त ने फिर समझदार कर दिया
दिखा ऊँच नीच वफादार कर दिया
बड़ी नाप तौल के अब बातें होती हैं
तू हुआ अजनबी तय सरहदें होती है
तू भी दोस्ती के इम्तिहान लेने लगा
छोटी-छोटी बातों पे ध्यान देने लगा
यूँ फिर तू अच्छी दोस्ती खोने लगा
और तू दोस्त से अजनबी होने लगा
रास्ते मंजिलें और अलग थी किस्मतें
फिर भी निभायी दोस्ती की नायाब रस्में
ना मान ना जान वो फिजूल सी बातें
हमने की महफ़ूज़ वो सारी मीठी यादें।