जीवन की नदी
जीवन की नदी
खुशियों भरी इठलाती सी जीवन की नदी
मुस्कराते हुए हमसे भी आकर मिल कभी
हौसले उम्मीद ओ सब्र किये हैं इकठ्ठा सभी
सुना है मिलने आती है ख़ुश होकर तू तभी
प्यार,वफ़ा,माफ़ी, हँसी और मुस्कराहट
ये हैं तेरे खुशरंग देते हैं सुकून की आहट
अपनों की चाहत तेरी नदी का मीठा पानी हैं
ये अपनों का साथ ही तेरी सच्ची कहानी है
है दिल मुन्तजि़र मुस्तकि़ल बाद ए सबा के लिये
कर रौशन ओ मुनव्वर तेरे सारे नूर ख़ुदा के लिये
हमने ज़माने से तेरे कूस ओ क़जा़ह को देखा नहीं
तेरे धनक रंग के लिये नींद को आँखों में रोका नहीं
चर्चा था ये कि मेहनत से मुहब्बत है तुझे प्यारी
तुझसे मिलने की ख़ातिर हुए हम उसपे भी वारी
ए जीवन की नदी बनी महकती सी एक आस तू
दूर कर सारी रुकावटें सुलझती हुई आ पास तू।