रिश्तों की नाप तौल
रिश्तों की नाप तौल
रिश्तों की नाप तौल करते रह गये
और फिर तन्हा से ही जीते रह गये
फ़ुरसत नहीं मिली जाँच पड़ताल से
फिर रिश्ते चले गये सारे हड़ताल पे
ल़डकी तो सुन्दर गुणवान होनी चाहिये
लड़के के लिये भाग्यवान होनी चाहिये
ल़डका शरीफ और सरकारी नौकर हो
आमदनी उसकी तनख्वाह से ऊपर हो
दो जिन्दगियों के लिये ये कैसे मेअयार है
इन्सानियत के गुण के बिना सब बेकार है
जो है एहसास से भरा वो होगा सच्चा साथी
हँसी खुशी संग रहेंगे बनके दिया और बाती
चलेंगे एक दूसरे के सारे सुख दुःख बाँटके
शिकवे ना होंगे रहेंगे एक दूसरे को थामके
खुशी और सुकुन आज सबसे ज़्यादा जरूरी हैं
इसके बिना अमीर गरीब सारी जोड़ियांँ अधूरी हैं।