मुस्कुराना छोड़ दिया
मुस्कुराना छोड़ दिया
ताल्लुक घर से है मेरा सिर्फ़ आना और जाना
रात को फिर आके खामोशी से खाना खाना
थके मांदे बच्चे भी मेरे जागते मुझे मिलते नहीं
अपनों के लिये वक़्त के रास्ते मुझे मिलते नहीं
आजकल घर की बड़ी दिलजली सी फ़िज़ायें हैं
ख़ामोश से हैं सभी बहुत फिक्रमंद सी हवायें हैं
अब मेरे दिल के सुकूं ने गुनगुनाना छोड़ दिया
अचानक से हम सभी ने मुस्कुराना छोड़ दिया
ले गयी सारी मनमर्जियांँ बेफिक्ररियाँ ये महामारी
देके बेचैनियाँ ले गयी चैन दुनिया से इक बीमारी
भूख तन्हाई बेबसी में किसी प्यारे की तलाश है
इंतज़ार करती आँखों में इक सहारे की तलाश है
है हर कोई थका हुआ उदास है सारी महफिलें
हँसी कहकहों की ना जाने कहाँ गयीं महमिलें
छोड़ दिये गये कुछ रिश्ते कि फ़ुरसत नहीं है
मुस्कुराये हम और समझ गये चाहत नहीं है
ज़िंदगी आसान होती तो इतनी कहावतें ना बनतीं
खुशियाँ ज़रूरी नहीं होती तो मोहब्बतें ना बनतीं
करके सब्र करें दुआ सबके लिये मुसलसल
है रब बड़ा करीम निकालेगा ज़रूर कोई हल।
