STORYMIRROR

NOOR EY ISHAL

Inspirational

4  

NOOR EY ISHAL

Inspirational

मुस्कुराना छोड़ दिया

मुस्कुराना छोड़ दिया

1 min
273


ताल्लुक घर से है मेरा सिर्फ़ आना और जाना

रात को फिर आके खामोशी से खाना खाना


        थके मांदे बच्चे भी मेरे जागते मुझे मिलते नहीं

       अपनों के लिये वक़्त के रास्ते मुझे मिलते नहीं


आजकल घर की बड़ी दिलजली सी फ़िज़ायें हैं

ख़ामोश से हैं सभी बहुत फिक्रमंद सी हवायें हैं


        अब मेरे दिल के सुकूं ने गुनगुनाना छोड़ दिया

        अचानक से हम सभी ने मुस्कुराना छोड़ दिया


ले गयी सारी मनमर्जियांँ बेफिक्ररियाँ ये महामारी

देके बेचैनियाँ ले गयी चैन दुनिया से इक बीमारी


       भूख तन्हाई बेबसी में किसी प्यारे की तलाश है

       इंतज़ार करती आँखों में इक सहारे की तलाश है


है हर कोई थका हुआ उदास है सारी महफिलें

हँसी कहकहों की ना जाने कहाँ गयीं महमिलें


                  छोड़ दिये गये कुछ रिश्ते कि फ़ुरसत नहीं है

                  मुस्कुराये हम और समझ गये चाहत नहीं है


ज़िंदगी आसान होती तो इतनी कहावतें ना बनतीं

खुशियाँ ज़रूरी नहीं होती तो मोहब्बतें ना बनतीं


                  करके सब्र करें दुआ सबके लिये मुसलसल

                 है रब बड़ा करीम निकालेगा ज़रूर कोई हल।

                


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational