तारों के साथ
तारों के साथ
अक्सर रौशन तारों के साथ
होती है अपनी बात गहरी
समझाते हैं वो अक्सर यही
कुछ बुरा नहीं है सब सही
फूल लिख दे तू लफ़्ज़ों से
कहानी लिख दे हौसलों से
माना दुनिया इक तूफ़ान है
पर तू ख़ुद के बिन वीरान है
बाकी हैं आस के फूल खिलने
आ रही हैं खुशियाँ तुझसे मिलने
ज़रा अपने अंदाज़ में ढल
ना हमारी रौशनी से तू जल
जो जुबाँ करे ना आवाज़ कोई
खामोशी से तू शोर मचा के चल
नीली स्याही के समुंदर में उतरकर
कलम में लफ़्ज़ों के मोती भरकर
लिखकर चेहरों पर मुस्कुराहट तू
उदासियों को मिटाने की कोशिश कर