Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

NOOR E ISHAL

Romance

4  

NOOR E ISHAL

Romance

धनक रंग

धनक रंग

1 min
375


ज़मीं ये क्या फ़लक को सुनाने लगी है

धनक रंग सी खुशियों को गाने लगी है

फैला है हर सिम्त देखो कैसा उजाला

दबे कदमों से शब जैसे जाने लगी है

बारिश की बूँदें फ़िज़ा में बिखर कर

क्यूँ सितारों की तपिश बुझाने लगी है

थे साहिल पे जो नक़्श ए क़दम कभी 

उन्हें वक़्त की लहरें आ मिटाने लगी है

सुन पत्तों की बातें दरख़्तों की आहें

हवाएँ भी तेरे क़िस्से सुनाने लगी है

है खड़ी मंज़िल सामने फैलाये बाहें

अपनी सिम्त हमें ये बुलाने लगी है

था नूर मद्धम और मुन्तजिर सी आँखें

मौसम ए बहार से पुरनूर हो गयी शाखें

हैरान है चाँद थमी सी सितारों की साँसें

छा गये महफ़िल में करके तेरी ही बातें।


Rate this content
Log in