बस बदले में इज़्ज़त और हक अपना चाहे। बस बदले में इज़्ज़त और हक अपना चाहे।
अपनी व्यस्तता का बजाते थे जो पहले ढोल कितनी फिक्र है आपकी खुली उनकी पोल अपनी व्यस्तता का बजाते थे जो पहले ढोल कितनी फिक्र है आपकी खुली उनकी पोल