ना उसको समझा ना उसकी मजबूरी समझी किसकी गुलाम है वो ना हमने यहाँ बात समझी।। ना उसको समझा ना उसकी मजबूरी समझी किसकी गुलाम है वो ना हमने यहाँ बात समझी।।
चिड़िया रानी चिड़िया रानी तुम हो पेड़ों की महारानी। चिड़िया रानी चिड़िया रानी तुम हो पेड़ों की महारानी।
राम का नाम...अनंत में... राम का नाम...जीवन के अंंत में... रावण के संहारक... राम का नाम...अनंत में... राम का नाम...जीवन के अंंत में... रावण के संहारक.....
तुम प्रेम का प्याला हो क्या देखूं तुम्हें तुम नारी फुलवारी हो क्या देखूं तुम्हें तुम प्रेम का प्याला हो क्या देखूं तुम्हें तुम नारी फुलवारी हो क्या देखू...
अपनी व्यस्तता का बजाते थे जो पहले ढोल कितनी फिक्र है आपकी खुली उनकी पोल अपनी व्यस्तता का बजाते थे जो पहले ढोल कितनी फिक्र है आपकी खुली उनकी पोल
देहात से शहर तक मेहर तेरी पर, किसी ने ये कब है मानी? देहात से शहर तक मेहर तेरी पर, किसी ने ये कब है मानी?